Jan 13, 2020

जरूरत (NEED) 💢💢

Hindi poem on Need



समय सहेजना दोस्तों
ये बहुत कीमती है।
क्या करना कब करना
क्या नहीं करना
निर्णय जरूरी है।

हर मोड़ पे द्वंद होंगे
कोशिशें बहुत होगी
तुम्हे रोकने की
पर चलना जरूरी है।

जिंदगी की ऊंच नीच में
रास्ते सीधे नहीं होते
लगती रहेगी ठोकरें
पर संभलना जरूरी है।

कभी हादसों से गुजरते हुए
अगर तुम गिर पडों
चोट भी लगे तो याद रहे
उठना जरूरी है।

कोई अपना दिल दुखाएं
या बहुत सताए
क्षमा कर देना
ये सब भूलना जरूरी है।

बिल्कुल अकेलापन अच्छा नहीं
कोई पूरा सच्चा नहीं
कम ही सही पर
दोस्तों से मिलना जरूरी है।

कुछ महक देते
कुछ सिर्फ सुंदर होते
ये बाग बगीचे बने रहे
तो फूलों का खिलना जरूरी है।

कितना भी कुछ बन जाओ
अहंकार से दूर रहना
खुश रहने के लिए ध्यान रहे
सबसे पहले सरलता जरूरी है।

... अशोक मादरेचा


Aug 10, 2019

Beauty (सुंदरता)


अनंत की व्यापकता
अंतर के निर्मल भाव
निशब्द सा आकाश
सूर्य का प्रकाश
धरती का धैर्य
अनुपम सौंदर्य
कुसुम की महक
अगाध ऐश्वर्य
और प्रेम का मिलन
इतना सब कुछ
फिर भी निरवता
और समाधि में स्थित प्रज्ञ
कोई देवी हो या मायावी
प्रश्न हो या उत्तर
बिन लहरों का सागर
सतरंगी इंद्रधनुषी छवि
मस्ती या मादकता
संगीत की मधुरता
अपरिमित ऊष्मा
शायद कोई करिश्मा
प्रणय के बोध से कहीं दूर
इतना स्वस्थ और खुश
अपूर्व ओजस से युक्त
पर अप्सरा भी तो नहीं हो
इरादा क्या है जो
वक्त को थामे हुए
मन्द मन्द मुस्करा रही हो
 जो भी हो तुम सही हो, सही हो।

Nov 28, 2018

महसूस जो किया मैंने (Feelings)







इन मुस्कानों के पीछे का अकेलापन
कोई और समझे ना समझे पर
मुझसे छुपा नहीं पाओगे
ये अनजाना सा अपनापन।

मानो बरसो से बारिशों के इन्तजार में
दूर खड़ा हुआ कोई दरखत
परिंदों को छाव देता है
जो दर्द बयां नहीं करता
बस चुपचाप सहता है।

यादों के कड़वे अनुभव साथ लेकर
कुछ उलझन सी है जीवन में
हरियाली है पर रास्ता खोज रहे हो
मुद्दतों से उस घने वन में।

अपने सुंदर भावों से
कुछ नया करने कि कसक लिए
निकल पड़े हो
चले बहुत पर,
दिशाओं का कुछ भ्रम सा है
शायद आज भी वही खड़े हो।

कोई तो होगा समझने वाला
इस दुनिया कि भीड़ में
जो उत्तर सा होगा आपके प्रश्नों का
हम सब पंछी है जो
रहते अपने अपने ही नीड़ में।

संवाद करने की कला
और उत्साह से भरी आपकी आंखे
बहुत कुछ कहती है
ये सब अनायास नही होता
जो होनी है वो होकर रहती है।

.. अशोक मादरेचा

Nov 18, 2018

चुनाव का मौसम Election Season


चुनावों  पर हिंदी कविता

इस कविता में एक मतदाता को किस तरह सच्चाई का ध्यान रखना चाहिए , इस पर
सुन्दर शब्दों. में प्रकाश डाला गया है।  आशा है आपको कविता पसंद आएगी।
धन्यवाद। 

Oct 30, 2018

Closeness अपनापन


उचक के नींद खुली
कुछ आवाज़ आई, शायद ये
तेरे पास होने का अहसास था
बीते हुए पल तैरने लगे
रात के सन्नाटों में
तुम्ही दिखते लगे उन आहटों में।
एक मीठा सा अनुभव
तेरी यादों का इस कदर
साथ होने का,
कभी तेरे हाथो ने
मेरे सर को सहलाया था
और में सो गया था निश्चिंत सा
फिर तेरे आसुओं की
दो बूंदों का अचानक गिरना
मेरा हड़बड़ा कर उठना
और तुमसे मिलकर
जी भर के रोना
आज फिर याद आता है।
बहुत ज्यादा दौड़ लिया
कितना वक्त पीछे छोड़ दिया
आज फिर से तेरा हाथ थामे
खिड़कियों से आती मद्धिम रोशनी में
चांद से बतियाने का मन करता है
मौन की भाषा में बहुत कुछ
कहने को मन करता है
इस रात की निरवता साक्षी है
कि इन रिश्तों की महक गहरी है
है कुछ खास जो मेरी नींद उचटती है
मुझे जगाकर ये कुछ कहती है।

प्रयास (Efforts)

जब सब कुछ रुका हुआ हो तुम पहल करना निसंकोच, प्रयास करके खुद को सफल करना। ये मोड़ जिंदगी में तुम्हें स्थापित करेंगे और, संभव है कि तुम देव तु...