Indian author Ashok Madrecha blog on Hindi kavita poems, inspiration, positive quotes on happy life, money management, truth, thought, live better life, stay motivated, spiritual thoughts quotes on life
Apr 30, 2020
Jan 13, 2020
जरूरत (NEED) 💢💢
Hindi poem on Need
समय सहेजना दोस्तों
ये बहुत कीमती है।
क्या करना कब करना
क्या नहीं करना
निर्णय जरूरी है।
ये बहुत कीमती है।
क्या करना कब करना
क्या नहीं करना
निर्णय जरूरी है।
हर मोड़ पे द्वंद होंगे
कोशिशें बहुत होगी
तुम्हे रोकने की
पर चलना जरूरी है।
जिंदगी की ऊंच नीच में
रास्ते सीधे नहीं होते
लगती रहेगी ठोकरें
पर संभलना जरूरी है।
कभी हादसों से गुजरते हुए
अगर तुम गिर पडों
चोट भी लगे तो याद रहे
उठना जरूरी है।
कोई अपना दिल दुखाएं
या बहुत सताए
क्षमा कर देना
ये सब भूलना जरूरी है।
बिल्कुल अकेलापन अच्छा नहीं
कोई पूरा सच्चा नहीं
कम ही सही पर
दोस्तों से मिलना जरूरी है।
कुछ महक देते
कुछ सिर्फ सुंदर होते
ये बाग बगीचे बने रहे
तो फूलों का खिलना जरूरी है।
कितना भी कुछ बन जाओ
अहंकार से दूर रहना
खुश रहने के लिए ध्यान रहे
सबसे पहले सरलता जरूरी है।
... अशोक मादरेचा
Aug 10, 2019
Beauty (सुंदरता)
अनंत की व्यापकता
अंतर के निर्मल भाव
निशब्द सा आकाश
सूर्य का प्रकाश
धरती का धैर्य
अनुपम सौंदर्य
कुसुम की महक
अगाध ऐश्वर्य
और प्रेम का मिलन
इतना सब कुछ
फिर भी निरवता
और समाधि में स्थित प्रज्ञ
कोई देवी हो या मायावी
प्रश्न हो या उत्तर
बिन लहरों का सागर
सतरंगी इंद्रधनुषी छवि
मस्ती या मादकता
संगीत की मधुरता
अपरिमित ऊष्मा
शायद कोई करिश्मा
प्रणय के बोध से कहीं दूर
इतना स्वस्थ और खुश
अपूर्व ओजस से युक्त
पर अप्सरा भी तो नहीं हो
इरादा क्या है जो
वक्त को थामे हुए
मन्द मन्द मुस्करा
रही हो
जो भी हो तुम सही हो, सही
हो।
May 23, 2019
Jivan Kavya on Hindi poems (Life Poems) with English Translation
My ebook Jivan Kavya on Hindi poems (Life Poems) with English Translation on Amazon.com
https://www.amazon.com/gp/product/B07RS4QTHR/ref=dbs_a_def_rwt_bibl_vppi_i0
Labels:
Book on Hindi Poems,
Life poems,
Thinking Beyond,
हिंदी कविता
Mar 15, 2019
Nov 28, 2018
महसूस जो किया मैंने (Feelings)
इन मुस्कानों के पीछे का अकेलापन
कोई और समझे ना समझे पर
मुझसे छुपा नहीं पाओगे
ये अनजाना सा अपनापन।
मानो बरसो से बारिशों के इन्तजार में
दूर खड़ा हुआ कोई दरखत
परिंदों को छाव देता है
जो दर्द बयां नहीं करता
बस चुपचाप सहता है।
यादों के कड़वे अनुभव साथ लेकर
कुछ उलझन सी है जीवन में
हरियाली है पर रास्ता खोज रहे हो
मुद्दतों से उस घने वन में।
अपने सुंदर भावों से
कुछ नया करने कि कसक लिए
निकल पड़े हो
चले बहुत पर,
दिशाओं का कुछ भ्रम सा है
शायद आज भी वही खड़े हो।
कोई तो होगा समझने वाला
इस दुनिया कि भीड़ में
जो उत्तर सा होगा आपके प्रश्नों का
हम सब पंछी है जो
रहते अपने अपने ही नीड़ में।
संवाद करने की कला
और उत्साह से भरी आपकी आंखे
बहुत कुछ कहती है
ये सब अनायास नही होता
जो होनी है वो होकर रहती है।
कोई और समझे ना समझे पर
मुझसे छुपा नहीं पाओगे
ये अनजाना सा अपनापन।
मानो बरसो से बारिशों के इन्तजार में
दूर खड़ा हुआ कोई दरखत
परिंदों को छाव देता है
जो दर्द बयां नहीं करता
बस चुपचाप सहता है।
यादों के कड़वे अनुभव साथ लेकर
कुछ उलझन सी है जीवन में
हरियाली है पर रास्ता खोज रहे हो
मुद्दतों से उस घने वन में।
अपने सुंदर भावों से
कुछ नया करने कि कसक लिए
निकल पड़े हो
चले बहुत पर,
दिशाओं का कुछ भ्रम सा है
शायद आज भी वही खड़े हो।
कोई तो होगा समझने वाला
इस दुनिया कि भीड़ में
जो उत्तर सा होगा आपके प्रश्नों का
हम सब पंछी है जो
रहते अपने अपने ही नीड़ में।
संवाद करने की कला
और उत्साह से भरी आपकी आंखे
बहुत कुछ कहती है
ये सब अनायास नही होता
जो होनी है वो होकर रहती है।
.. अशोक मादरेचा
Nov 18, 2018
चुनाव का मौसम Election Season
चुनावों पर हिंदी कविता
इस कविता में एक मतदाता को किस तरह सच्चाई का ध्यान रखना चाहिए , इस पर
सुन्दर शब्दों. में प्रकाश डाला गया है। आशा है आपको कविता पसंद आएगी।
धन्यवाद।
Oct 30, 2018
Closeness अपनापन
उचक के नींद खुली
कुछ आवाज़ आई, शायद
ये
तेरे पास होने का अहसास था
बीते हुए पल तैरने लगे
रात के सन्नाटों में
तुम्ही दिखते लगे उन आहटों
में।
एक मीठा सा अनुभव
तेरी यादों का इस कदर
साथ होने का,
कभी तेरे हाथो ने
मेरे सर को सहलाया था
और में सो गया था निश्चिंत सा
फिर तेरे आसुओं की
दो बूंदों का अचानक गिरना
मेरा हड़बड़ा कर उठना
और तुमसे मिलकर
जी भर के रोना
आज फिर याद आता है।
बहुत ज्यादा दौड़ लिया
कितना वक्त पीछे छोड़ दिया
आज फिर से तेरा हाथ थामे
खिड़कियों से आती मद्धिम रोशनी
में
चांद से बतियाने का मन करता है
मौन की भाषा में बहुत कुछ
कहने को मन करता है
इस रात की निरवता साक्षी है
कि इन रिश्तों की महक गहरी है
है कुछ खास जो मेरी नींद उचटती
है
मुझे जगाकर ये कुछ कहती है।
Subscribe to:
Posts (Atom)
नूतन प्रभास Light of life
प्रखर प्रहारों को झेलकर जो तपकर कंचन बन जाते, अभावों में भी, नमन करता संसार उन्हें परिष्कृत रहते, जो भावों में भी ...। इंद्रधनुषी रंगो का ...

-
सपनों का पीछा करता मनुज गंतव्य को भूल बैठा जब मंजिलें ना मिली तो जहां रुका उसे ही मंजिल मान बैठा जब कुछ खास हासिल ना हुआ तो कुछ...
-
जीवन की क्षणभंगुरता फिर सामने है , निर्दयता से , क्या बड़े , क्या छोटे बचा नही कोई देश हर तरफ है हाहाकार । चुनौती भरे व...
-
समय के शिलालेख पर स्पष्ट लिखा है हर सफल मनुज में मुझे तो पुरुषार्थ दिखा है। कुछ सब्जबागों से जो विचलित हुए बीच राहों में गिरते गए वो समय ...