28 अक्टू॰ 2015

तेरा अहसास



वो कनखियों से नजर मिलाते है
अपने तुफानों से पर्वत हिलाते है।
बहुत सादगी से रहते है
आँखों से सब कुछ कहते है।
बेशक शरारत और मस्ती का करिश्मा है
अँधेरे में जलती हुई एक शमां है।
रूबरू होके भी अक्श छुपाने का अंदाज
बताओं भला इस खूबसूरती का राज।
लबों से कुछ बोलते तो शायद तराना बन जाता
इन लम्हों के साथ इकरार का बहाना बन जाता।
हवाओं में खुशबु सी समाई है
मुद्दत से वो मेरे शहर में आई है। 
उनके कदमो की आहट करीब आ रही
देखो बहारे मस्ती के गीत गा रही।
लौटा यौवन फूलों का, चांदनी आवारा हो चली
निश्चित है गौरी आज खूब सज धज के चली।
मिलने की आस अधूरी थी अब तक
कितना तड़पाओगे, और कब तक।
वादा करो कि फिर नहीं जाओगे
रूबरू रहके, ताजिंदगी साथ निभाओगे।

12 अक्टू॰ 2015

हकीकत (Truth)


हमें रोकने की हर कोशिश कर रहे वो
फूटे गुब्बारों में हवा भर रहे वो।
हर महफ़िल में उनके इंतजाम हो गए
हमारी बदनामी के किस्से आम हो गए।
कुछ मेरे अपने उनके साथ हो लिये
कुछ उनके अपने मेरे साथ हो लिए।
रास्तों में काँटे बिछाना उनका सुकून था
हमें भी मंजिल पाने का बड़ा जूनून था।
हर मुश्किल एक नया पाठ पढ़ाती थी
अनजानी सी प्रेरणा आगे बढाती थी।
उस यात्रा का हर मोड़ और पड़ाव याद है
वो रूकावटो के दौर भी बखूबी याद है।
कोई गिला शिकवा नहीं दौरे मोहब्बत में
सीखा समझा बहुत कुछ उनकी सोहबत में।
कद्र और कदरदान अब कहाँ नजर आते है
दो प्रेमी भी अब तो मिलने की रस्म निभाते है।
___ अशोक मादरेचा

सुविचार अपने अतीत में जाकर अस्तित्व खोजना सिर्फ दुख को ही आमंत्रित करेगा।  स्वयं के बजाय दूसरों में, एकांत के बजाय भीड़ में, खुद के अनुभव के...