Jul 15, 2018

Nature कुदरत



दुआओं की इमारत में रहता हूँ
आपने पूछा इसलिए कहता हूँ
नायाब इंसानियत की मजबूत दीवारे
प्यार की खुशबू, मौजों के फव्वारे
शांति के सागर में चांदनी की छटा
फैले आकाश में बादलों की घटा
चहुँ ओर फैली कुदरत की सुंदरता
गुलशन में उमड़ती फूलों की मादकता
भोर की अंगड़ाई, शीतल पवन का चलना
पनघट की ओर पनिहारिनों का निकलना
सिंदूरी आकाश में सूरज का आना
चिड़ियों के झुंड का खूब चहचहाना
नवकोपलों में व्याप्त होता परिपूर्ण जीवन
अभिव्यक्ति में असमर्थ गदगद होता मन
कलकल करते झरनों के पानी पर पड़ता प्रकाश
प्रकृति की हर रचना देखो होती कितनी खास
सब ये सोचकर मन को त्राण मिलता है
वर्षा से जैसे मरुधरा को प्राण मिलता है
नमन है प्रकृति को बारम्बार यही कहता हूं
बस दुआओं की इमारत में रहता हूं ।।

11 Common Mistakes in Business

These are 11 Common business Mistakes made by people. What mistakes lead to business failure? Here is a list of common mistakes in business ...