ये दौर भी जीतेंगे (Will Win This Time Too)
फिर सामने है, निर्दयता से,
क्या बड़े,
क्या छोटे
बचा नही कोई देश
हर तरफ है हाहाकार ।
चुनौती भरे वक्त में
लगा है इंसान बेबस होकर
जीवन बचाने को
सब कुछ करने को तैयार।
अब दूरियां जरूरी हो गई
और नजदीकियां नाजायज
हर सांस पर पहरे लगे,और
ठहर सा गया, हर व्यापार।
अठखेलियों के दिनों में
बचपन, मुखोटों के अधीन
चुभते है,
उनकी आंखों के प्रश्न
छिन गए,
मासूम बच्चों के अधिकार।
ये दौर भी जीतेंगे,
बेहतरी से,
प्रयत्न जारी है, बड़ी तैयारी है
उम्मीद रखे,
है निशाने पे विषाणु
पार्थ का धनुष करता है टंकार।