समय के शिलालेख पर
स्पष्ट लिखा है
हर सफल मनुज में
मुझे तो पुरुषार्थ दिखा है।
कुछ सब्जबागों से जो
विचलित हुए बीच राहों में
गिरते गए वो
समय की निगाहों में।
दिखेगा परिवर्तन
अब भी जो अगर ठान लो
शब्द मेरे है,
कुछ तो मान लो।
हठधर्मिता छोड़कर,
ह्रदय को उदार करो
बहुत किया छलावा
अब मन से प्यार करो।
..... Ashok Madrecha
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दिशाबोध
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Ashok Madrecha