Sep 27, 2023

Efforts कोशिश




बेशकीमती वक्त को
मत जाया कर
हासिल होगी मंजिल
बस तू कोशिश तो कर ...।

निकल बाहर हर भ्रम से
रोज घूमता इधर उधर
थोड़ा संभल और चलने की
बस तू कोशिश तो कर ...।

दृश्य सब्जबागों के, हर तरफ
साध दृष्टि, समझकर
उलझनों से निकलने की
बस तू कोशिश तो कर ..।

भीतर के अस्तित्व को भी
थोड़ा समय देकर
हर वक्त मैं मैं को छोड़ने की
बस तू कोशिश तो कर ..।

किसकी सत्ता, किसकी महत्ता
बारीकी से जानकर
यू ही बहकना, त्यागने की
बस तू कोशिश तो कर ..।


....अशोक मादरेचा





Time is very precious

don't waste it

destination will be achieved

Just try...



Get out of every illusion

roam here and there every day

be a little careful and walk

Just try...



Views of gardens everywhere

Have clear vision, understanding

to get out of trouble

Just try...



Existence of inner self

by giving some time to it

Every time leave feeling like me and me

Just try...



Whose power, whose importance?

knowing closely

Give up, getting carried away

Just try...



---By Ashok Madrecha









Sep 4, 2023

नूतन प्रभास Light of life

 


प्रखर प्रहारों को झेलकर जो
तपकर कंचन बन जाते, अभावों में भी,
नमन करता संसार उन्हें
परिष्कृत रहते, जो भावों में भी ...।

इंद्रधनुषी रंगो का अनुभव कर
कमी तुझे किस चीज की
साधती प्रकृति धरती-आकाश को
कर रचना, नए क्षितिज की....

अनिहित में निहित खोज लेते
अवरुद्ध कंठ से भी गा लेते
सतत व्यतिक्रमों से लड़कर भी
यायावर, वो, प्रभास को पा लेते ...।

किसी मेघ की आतुरता में
बरखा बरसते देख, मोर भी चहका
उलझन थी कि, ये मेघ बहका,
मोर बहका, या फिर बरखा...।

मित्रों में देव दिखते जिन्हे
आनंद की नूतन परिभाषा गढ़ते वो
हर क्षण जीवंत उनका
क्या क्या कर लेते वो .........।

रिश्तों में सादगी साध मेरे दोस्त
जटिलता खुशियों की शोषक है
इसकी तनिक भी जरूरत नहीं
वो तो अहंकार की पौषक है ...।

नित्य प्रसन्नता को अपनाकर
मौलिक बन, कुछ शोध कर
सिद्ध कर सहजता को, ओ मनुज
प्रेरक बन, और बोध कर ....।

उत्कृष्ठ लेखनी में प्रस्तुत होकर
जब मौन मुखर हो जाता
वर लेता वो शाश्वत को, और
सुंदर कृत्यों में, सत्य अमर हो जाता...।
सत्य अमर हो जाता ..........।🙏

रचना - अशोक मादरेचा



This Hindi poem is written for those who seek to revisit inner life and get constant inspiration. it covers nature, challenges, relationships, originality, friendship, and many other aspects of life. one can feel well about life if read with right perspective.



Oct 29, 2022

11 Common Mistakes in Business

These are 11 Common business Mistakes made by people. What mistakes lead to business failure? Here is a list of common mistakes in business to avoid with examples. Why do entrepreneurs fail and how can they know what corporate mistakes people make? 


1. Over trading and over leveraging: 

Success creates confidence, and confidence makes us feel that I am right, and I will be right in the future too. When there are good days, many businesses forget to create good reserves for rainy days. In fact, they go for expansion without projecting a feasible cash flow. They borrow and borrow again to move further. Interest is a 24x7 charge. What is an ideal mix of capital and borrowed funds is a very important question and each entity has to decide it individually, depending upon their circumstances.

Jul 17, 2022

आत्ममंथन (Introspection)




This is a Hindi poem on introspection, life and self-knowing.


बस कल्पनाओं में
जान लेते और मान लेते
किसी को समझने के पहले ही
क्यों रिश्ते तोड़ने की ठान लेते।

छोटी सी जिंदगी में
इतना अहंकार पाल कर
जाने कौनसी मंजिल की तलाश में
जीना तो पड़ेगा संभाल कर।

हर जगह तुलना करके
हासिल भी क्या होता है
मुस्करा के जिए जिंदगी वो धन्य
वर्ना यहां, हर कोई रोता है।

सहज रहने को प्राकृतिक हम
छोड़ो प्रपंच सभी
थोड़ी गणना तो कर लो
बाकी बची ही कितनी,उम्र अभी।

अशोक मादरेचा

Dec 26, 2021

दिशाबोध

 


समय के शिलालेख पर
स्पष्ट लिखा है
हर सफल मनुज में
मुझे तो पुरुषार्थ दिखा है।

कुछ सब्जबागों से जो
विचलित हुए बीच राहों में
गिरते गए वो
समय की निगाहों में।

दिखेगा परिवर्तन
अब भी जो अगर ठान लो
शब्द मेरे है,
कुछ तो मान लो।

हठधर्मिता छोड़कर,
ह्रदय को उदार करो
बहुत किया छलावा
अब मन से प्यार करो।

..... Ashok Madrecha

Apr 28, 2021

ये दौर भी जीतेंगे (Will Win This Time Too)




जीवन की क्षणभंगुरता

फिर सामने है, निर्दयता से,
क्या बड़े, क्या छोटे
बचा नही कोई देश
हर तरफ है हाहाकार

चुनौती भरे वक्त में
लगा है इंसान बेबस होकर
जीवन बचाने को
सब कुछ करने को तैयार।

अब दूरियां जरूरी हो गई
और नजदीकियां नाजायज
हर सांस पर पहरे लगे,और
ठहर सा गया, हर व्यापार।

अठखेलियों के दिनों में
बचपन, मुखोटों के अधीन
चुभते है, उनकी आंखों के प्रश्न
छिन गए, मासूम बच्चों के अधिकार।


ये दौर भी जीतेंगे, बेहतरी से,
प्रयत्न जारी है, बड़ी तैयारी है
उम्मीद रखे, है निशाने पे विषाणु
पार्थ का धनुष करता है टंकार।


Mar 21, 2021

बदलता विश्व, बदलते समीकरण (Changing World, Changing Equations)


उद्वेलित विश्व में फिर शीत युद्ध की आहट
बदलते शक्ति संतुलन, और नई चौधराहट।

मुट्ठी भर लोगों में बट गया संसार
बाकी सब आगे पीछे करते तकरार।

रोज दोस्त बदलते है आजकल
सब कुटिल राजनीति के फल।

महत्वाकांक्षाएं नए आकार में
सिकुड़ती न्याय व्यवस्था प्रतिकार में।

नेतृत्व विश्व में या तो मजबूर है
या फिर सत्य से ही दूर है।

व्यक्ति पालता आशाएं
कानून बदलता परिभाषाएं।

संगठन स्वयं शोषण का जरिया हो गए
झरने शेखी बघारते खुद ही दरिया हो गए।

भूमिकाएं भागती है जिम्मेदारी से
छूटती उम्मीदें अब वफादारी से।

कुछ बारूद बढ़ा कर आंख दिखाते
देशों के समूह द्वेष बढ़ाते।

निरीह मानवता पूरी मौन है
अब आवाज उठाने वाला भी कौन है।

#WorldPoetryDay2021 #UNO

- Ashok Madrecha

Efforts कोशिश

बेशकीमती वक्त को मत जाया कर हासिल होगी मंजिल बस तू कोशिश तो कर ...। निकल बाहर हर भ्रम से रोज घूमता इधर उधर थोड़ा संभल और चलने की बस तू कोशिश...