कब मेरी तलाश का हिस्सा बन आप साथ हो चले
डर नही अब हमे राहों में कितनी भी हो मुश्किले।
मेरी चुप्पियों का अर्थ भी इस तरह असर कर जाएगा
कोई दूर से आकर भी आँखों मे आंसू भर जाएगा।
एक बूत सी जिंदगी और अनुभव से तराशे हुए पल
बहुत आशा थी मुझे, आप मिलोगे आज नही तो कल।
जैसे नव कौंपलो को ओस की बूंदों का इंतजार था
टकटकी लगाए चौखट पे खड़ा कबसे बेकरार था।
काश आप हरदम करीब रहते, ये मन कहता है
आप से लिपट कर अब खूब रोने का मन करता है।
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जिंदगी (Life)
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Oleh
Ashok Madrecha