पैसा अथवा धन इंसान के द्वारा बनाई हुई वस्तुओं में शायद सबसे ज्यादा चर्चित विषय हे। आइये इस पैसे के बारे में कुछ रोचक बिन्दुओं को समझे।
1. पैसा हो और नहीं हो, दोनों ही अवस्था में व्यक्ति को व्यस्त कर देता हे। होने की अवस्था में धन को सँभालने में और नहीं हो तो उसे कमाने की भागदौड़ में जीवन का अधिकांश समय चला जाता हे।
2. पैसे से यदि जेब भरी हो तो आत्मविश्वास में वृद्धि होना आम बात हे परन्तु यदि पैसा पास नहीं हो तो चेहरे की चमक लुप्त हो जाती हे।
3. यदि पैसा ज्यादा हो जाये तो उस पैसे से और ज्यादा पैसा बनाने की लालसा बढ़ जाती हे और उस पैसे का उपयोग कैसे किया जाय इस बिंदु से ध्यान बिलकुल हट जाता हे।
4. पैसे में न जाने कैसी चुम्बकीय शक्ति होती हे कि इसके कारण सगे सम्बन्धी, मित्र आदि स्वतः अपनापन दिखाते हे।
5. पैसा सब कुछ तो नहीं पर बहुत कुछ खरीद सकता हे। इस दृष्टी से यह संसार को चलायमान बनाये रखता हे।
6. सुख के लिए दौलत पाने की हौड में दौलत तो कइयों को मिली हे परन्तु दौलत से सचमुच सुख कितनो को मिल सका इस पर खोज जारी हे।
7. धन जब हाथ में हो तभी अपना होता हे । सिर्फ आने की सम्भावना उसे अपना नहीं बना देती। कई लोगो ने सिर्फ धन के आने की संभावनाओं पर बड़े सौदे किये और कुछ ने कमाया भी होगा परन्तु उसमे से अधिकांश लोग अपना सारा भविष्य दांव पर लगा बैठे।
8. यह पैसा पड़ा पड़ा नष्ट हो जाता हे। महंगाई से इसकी सही कीमत घट जाती हे या समय के घटनाक्रम इसको सही सँभालने वाले के पास पहुंचा देते हे।
9. पैसा यदि मेहनत और अच्छी नियत से कमाया हे तो व्यक्ति में उस पैसे की कीमत की अच्छी समझ होती हे अन्यथा अहंकार स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगता हे।
10. उपभोग ओर दान ये दो महत्वपूर्ण उपयोग पैसे के होते हे । यदि इन दोनों में से कुछ भी नहीं किया तो समझ लो कि वो पैसा कमाने वाले के काम नहीं आने वाला।
11. यदि पैसे का ज्यादा प्रदर्शन किया तो गवर्नमेंट यानि सरकार या गुंडे कोई तो पीछे पड़ने ही वाले हे।
12. पैसे यानि धन के कई स्वरुप होते हे जैसे मुद्रा, सोना, चांदी, मकान, बंगले कार, शेयर, कल कारखाने, बाग बगीचे, जमीन आदि। सभी स्वरूपों में पैसे की सतत सुरक्षा बहुत बड़ी चिन्ता बन जाती हे।
13. किसको कितना पैसा चाहिए यह व्यक्तिगत प्रश्न हे परन्तु किस समय कितना न्यूनतम पैसा जरुरी हे इसका विचार तो सभी को समय पर करना चाहिए।
14. पैसे की बुनियाद पर बने रिश्ते कमजोर होते हे फिर भी इससे पैसा कमजोर नहीं हो जाता, जहाँ पैसे का काम हो वहाँ पैसा ही चाहिये।
15. बहुत बड़ा आश्चर्य का विषय हे कि पैसा कमाने में बहुत लोग महारथी होते है पर उसे कब, किसपे, कैसे खर्च करे , इसमे बहुत गहन प्रशिक्षण की आवश्यकता है।
16. पैसा अपने आप में न बुरा होता हे न अच्छा ये तो हर व्यक्ति का दृष्टिकोण और उसे पाने एवं उपयोग के तरीको पर निर्भर करता हे कि पैसा उसकी दुनियां को आसान बनायें या वही पैसा उसकी मुश्किलों का सबसे बड़ा कारण बन जाये। संतुलित नजरिया ही इंसान के जीवन में आनंद ला सकता हे।