संकल्प
साधना के सोपान
जब दृष्टी के सामने हो
मन निर्मल और इरादे मजबूत हो
तो मंजिल क्यों नहीं मिलेगी
जरा गहराई में उतर कर तो देखो
लक्ष्य सामने रख कर तो देखो।
कष्ट भला किसे नहीं होता
राहे कौनसी निष्कंटक होती हे
सब बहाने हे मन को समझाने के।
सत्य से दूर भाग कर
कुछ क्षणों की राहत , आखिर
कब तक चलेगा ये सब कुछ।
चले आओ धरातल पर
यथार्त से जुड़ कर करो कूच आगे की
भुला दो इतिहास को
जीना तो सीखो वर्त्तमान में
जो हर पल चुकता जा रहा हे।
निकाल दो सभी संशय अपने मन से
अंतरिक्ष नापने का संकल्प लो
स्वयं की हस्ती को कुछ तो महसूस करो
प्रत्यक्ष परिणाम सामने आयेंगे
बस कुछ करने की जिद हो जिंदगी मे।
______ अशोक मादरेचा
साधना के सोपान
जब दृष्टी के सामने हो
मन निर्मल और इरादे मजबूत हो
तो मंजिल क्यों नहीं मिलेगी
जरा गहराई में उतर कर तो देखो
लक्ष्य सामने रख कर तो देखो।
कष्ट भला किसे नहीं होता
राहे कौनसी निष्कंटक होती हे
सब बहाने हे मन को समझाने के।
सत्य से दूर भाग कर
कुछ क्षणों की राहत , आखिर
कब तक चलेगा ये सब कुछ।
चले आओ धरातल पर
यथार्त से जुड़ कर करो कूच आगे की
भुला दो इतिहास को
जीना तो सीखो वर्त्तमान में
जो हर पल चुकता जा रहा हे।
निकाल दो सभी संशय अपने मन से
अंतरिक्ष नापने का संकल्प लो
स्वयं की हस्ती को कुछ तो महसूस करो
प्रत्यक्ष परिणाम सामने आयेंगे
बस कुछ करने की जिद हो जिंदगी मे।
______ अशोक मादरेचा
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