Apr 28, 2021

ये दौर भी जीतेंगे (Will Win This Time Too)




जीवन की क्षणभंगुरता

फिर सामने है, निर्दयता से,
क्या बड़े, क्या छोटे
बचा नही कोई देश
हर तरफ है हाहाकार

चुनौती भरे वक्त में
लगा है इंसान बेबस होकर
जीवन बचाने को
सब कुछ करने को तैयार।

अब दूरियां जरूरी हो गई
और नजदीकियां नाजायज
हर सांस पर पहरे लगे,और
ठहर सा गया, हर व्यापार।

अठखेलियों के दिनों में
बचपन, मुखोटों के अधीन
चुभते है, उनकी आंखों के प्रश्न
छिन गए, मासूम बच्चों के अधिकार।


ये दौर भी जीतेंगे, बेहतरी से,
प्रयत्न जारी है, बड़ी तैयारी है
उम्मीद रखे, है निशाने पे विषाणु
पार्थ का धनुष करता है टंकार।


Mar 21, 2021

बदलता विश्व, बदलते समीकरण (Changing World, Changing Equations)


उद्वेलित विश्व में फिर शीत युद्ध की आहट
बदलते शक्ति संतुलन, और नई चौधराहट।

मुट्ठी भर लोगों में बट गया संसार
बाकी सब आगे पीछे करते तकरार।

रोज दोस्त बदलते है आजकल
सब कुटिल राजनीति के फल।

महत्वाकांक्षाएं नए आकार में
सिकुड़ती न्याय व्यवस्था प्रतिकार में।

नेतृत्व विश्व में या तो मजबूर है
या फिर सत्य से ही दूर है।

व्यक्ति पालता आशाएं
कानून बदलता परिभाषाएं।

संगठन स्वयं शोषण का जरिया हो गए
झरने शेखी बघारते खुद ही दरिया हो गए।

भूमिकाएं भागती है जिम्मेदारी से
छूटती उम्मीदें अब वफादारी से।

कुछ बारूद बढ़ा कर आंख दिखाते
देशों के समूह द्वेष बढ़ाते।

निरीह मानवता पूरी मौन है
अब आवाज उठाने वाला भी कौन है।

#WorldPoetryDay2021 #UNO

- Ashok Madrecha

Nov 1, 2020

Orientation Matters in Life




People Crave Results, But Want Them for Free

People desire results, success, comfort, pleasant situations, power, fame, good health, fashion, glamour, and much more. Yet, surprisingly, many expect to attain all these without any sacrifice, wanting it all for free.

The word "free" is incredibly enticing and likely one of the most searched terms on the internet. In my 30 years of experience, I've observed this firsthand across nearly all age groups. It's disheartening to see that when you advise someone to put in effort or endure some hardship, they often take offense.

What does this signify? It shows that some people only want to receive, collect, and possess without giving anything in return. They don’t want to be inconvenienced, and this attitude reflects their overall character. In this technological age, more and more people are adopting the belief that "things will sort themselves out" and that the outcome will automatically align with their desires.

Doing Nothing and Expecting Everything is a Form of Theft

Let me be blunt: thieves aren’t just those who steal physical objects. Expecting everything without putting in any effort is also a form of theft. In fact, it’s a continuous burden if it becomes a habit.

How to Overcome This Mindset

So, how can one overcome this mentality? There are two types of people:

  1. Those who want change but lack motivation or support.
  2. Those who, by nature, avoid effort and act like thieves of opportunity.

For the latter, no amount of external motivation will work. They will go through life’s lessons repeatedly until they finally understand. Unfortunately, by the time they do, it may be too late to make a significant change. I know this sounds harsh, but it would be unjust not to reveal the truth.

For those genuinely seeking change, I have more to share.

Evaluate Your Active Life and Be Realistic

Assess the time you have left in your active life and be realistic. Recognize the people who have supported you without expecting anything in return, even if you’ve never noticed them before. I know many will say, "I don’t have time." But think about it: if everyone took that stance, no one would have time for others, and our already self-centered world would become even more selfish.

It’s your decision, your priorities, and your mindset that will ultimately shape your destiny.

Don’t Lose Hope

Don’t lose hope. Initially, adopting a "work-deserve-results" mindset may feel strange because you’re not used to it. However, over time, it will become your new normal. Trust me, you’ll feel proud of yourself, and you’ll enjoy a better life with a more positive outlook.

CA Ashok Madrecha


Sep 15, 2020

मन और चेतन का विश्लेषण (Mind and Spirit analysis)




हमे मन और चेतन का अनुभव शरीर के द्वारा होता है। यदि आप थोड़ा सूक्ष्म विश्लेषण करे तो देखेंगे कि हम हर वक्त विचारों, क्रियाओं या प्रतिक्रियाओं के इर्द गिर्द ही घूमते रहते है। और ये सब किसी विश्वास, भय, अपेक्षा, अहंकार या इच्छा विशेष के कारण होता है।

Jan 13, 2020

जरूरत (NEED) 💢💢

Hindi poem on Need



समय सहेजना दोस्तों
ये बहुत कीमती है।
क्या करना कब करना
क्या नहीं करना
निर्णय जरूरी है।

हर मोड़ पे द्वंद होंगे
कोशिशें बहुत होगी
तुम्हे रोकने की
पर चलना जरूरी है।

जिंदगी की ऊंच नीच में
रास्ते सीधे नहीं होते
लगती रहेगी ठोकरें
पर संभलना जरूरी है।

कभी हादसों से गुजरते हुए
अगर तुम गिर पडों
चोट भी लगे तो याद रहे
उठना जरूरी है।

कोई अपना दिल दुखाएं
या बहुत सताए
क्षमा कर देना
ये सब भूलना जरूरी है।

बिल्कुल अकेलापन अच्छा नहीं
कोई पूरा सच्चा नहीं
कम ही सही पर
दोस्तों से मिलना जरूरी है।

कुछ महक देते
कुछ सिर्फ सुंदर होते
ये बाग बगीचे बने रहे
तो फूलों का खिलना जरूरी है।

कितना भी कुछ बन जाओ
अहंकार से दूर रहना
खुश रहने के लिए ध्यान रहे
सबसे पहले सरलता जरूरी है।

... अशोक मादरेचा


Aug 10, 2019

Beauty (सुंदरता)


अनंत की व्यापकता
अंतर के निर्मल भाव
निशब्द सा आकाश
सूर्य का प्रकाश
धरती का धैर्य
अनुपम सौंदर्य
कुसुम की महक
अगाध ऐश्वर्य
और प्रेम का मिलन
इतना सब कुछ
फिर भी निरवता
और समाधि में स्थित प्रज्ञ
कोई देवी हो या मायावी
प्रश्न हो या उत्तर
बिन लहरों का सागर
सतरंगी इंद्रधनुषी छवि
मस्ती या मादकता
संगीत की मधुरता
अपरिमित ऊष्मा
शायद कोई करिश्मा
प्रणय के बोध से कहीं दूर
इतना स्वस्थ और खुश
अपूर्व ओजस से युक्त
पर अप्सरा भी तो नहीं हो
इरादा क्या है जो
वक्त को थामे हुए
मन्द मन्द मुस्करा रही हो
 जो भी हो तुम सही हो, सही हो।

प्रयास (Efforts)

जब सब कुछ रुका हुआ हो तुम पहल करना निसंकोच, प्रयास करके खुद को सफल करना। ये मोड़ जिंदगी में तुम्हें स्थापित करेंगे और, संभव है कि तुम देव तु...