यहाँ कोई नहीं आगे ओर पिछे
फैला हुआ आकाश और हरे भरे बघिचे
पलके बिछाये इंतजार हे आपका ।
सन्देश भेजा बादलो के संग तो
कभी हवाओ के संग
लहराता योवन मचलता अंग अंग
बज रहा कही मृदंग
कोई नहीं मुज पर अधिकार हे आपका।
सामने की पगडंडी पे टकटकी लगाये
कब तेरे कदमो की आहट आए
आपको नहीं मालूम हम क्या लेकर आये
सबसे धनी बना दिया मुझे
बेइंतहा प्यार जो हे आपका।
बहते जरने का कलरव
एक दिन ठिठुरती सर्दी मे
कांपते देख मुझे आपने
बरबस ही अपने आगोश में ले लिया था
वो हसीं पल जब दिल दिया था
याद हे वो नम आँखों से इकरार आपका।