27 मार्च 2014

शेर शायरिया

शेर शायरियाँ 


नजरे मिला कर भी छुपा लेते हो अक्श को
क्या ये गफलत हे या शरारत आपकी।
कहते नहीं कुछ भी शायद मौन अजीज हे
शिकवा तो नहीं करते पर ये सजा ज्यादा हे।
मेरी इन्तहा मत लो सहने को घाव काफी हे
छोड़ दो मेरे हाल पे, जान लो कि में भी बेसब्र हु।
मंजिल कुछ भी हो साथ चलने को साथी हो बस
सफ़र आसां होगा गर आप यु रूठो नहीं।
गलत भी समझो मुझे तो ये भी नसीब हे मेरा
कह तो सकेंगे , मेरे हमदम ने कहा ऐसा।
पैगाम उन्हें ना मिला पर हलचल तो हे
मालूम नहीं कौनसा गुल खिलने वाला हे।
खयालों के तूफां को बहुत झेला अकेले ही
दो पल ही सही कुछ तो बोलो मुस्करा कर।
वीराने में औस गिरी , पर अंगारो पर
चाँद को नहीं मालूम क्या गुजरी बहारो पर।
_______  अशोक मादरेचा

24 मार्च 2014

संकल्प ( Determination )

संकल्प 

साधना के सोपान
जब दृष्टी के सामने हो
मन निर्मल और इरादे मजबूत हो
तो मंजिल क्यों नहीं मिलेगी
जरा गहराई में उतर कर तो देखो
लक्ष्य सामने रख कर तो देखो।
कष्ट भला किसे नहीं होता
राहे कौनसी निष्कंटक होती हे
सब बहाने हे मन को समझाने के।
सत्य से दूर भाग कर
कुछ क्षणों की राहत , आखिर
कब तक चलेगा ये सब कुछ।
चले आओ धरातल पर
यथार्त से जुड़ कर करो कूच आगे की
भुला दो इतिहास को
जीना तो सीखो वर्त्तमान में
जो हर पल चुकता जा रहा हे।
निकाल दो सभी संशय अपने मन से
अंतरिक्ष नापने का संकल्प लो
स्वयं की हस्ती को कुछ तो महसूस करो
प्रत्यक्ष परिणाम सामने आयेंगे
बस कुछ करने की जिद हो जिंदगी मे।

______     अशोक मादरेचा

प्रयास (Efforts)

जब सब कुछ रुका हुआ हो तुम पहल करना निसंकोच, प्रयास करके खुद को सफल करना। ये मोड़ जिंदगी में तुम्हें स्थापित करेंगे और, संभव है कि तुम देव तु...