मन की थाह पाना मुश्किल है पर
यह कोशिश ख़ुशी देती है
कुछ पहेलियाँ ना सुलझे तो भी
नये अनुभव तो देती हे........ ।
झील सी गहरी आँखों में तैरते प्रश्न
और उत्तर खोजने की जिज्ञाषा
शांत वातायन में बहुत बड़े
तूफ़ान का इशारा देती हे.…… ।
मुद्दत से खोजने की आरजू थी
रुबरु होकर आज बतियाने की बारी
क्यों मौन रहने का सन्देश देती हे
एकांत नहीं थी जिंदगी कभी
सुहाने सफ़र में भी , नीरवता में भी
उनिन्दो की नींद उड़ा देती हे.…।
अनूठे फूलो की सुंदरता
टहनी पे स्वाभाविक हे पर
खुशबु की मादकता अब
झूमने की चाहत देती हे
लबो से बोल नहीं निकलते
और आँखों की भाषा चुपचाप
कितना कुछ कह देती है...........।
This poem in Hindi states about state of mind where feeling and expression try to find their place in any relationship but words become unable to do so and the poem goes on......